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अम्बेडकरनगर: बसखारी के बेला परसा में मिट्टी पटाई और पेंटिंग के नाम पर सरकारी धन का खुला खेल!

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अम्बेडकरनगर: बसखारी के बेला परसा में मिट्टी पटाई और पेंटिंग के नाम पर सरकारी धन का खुला खेल!

अम्बेडकरनगर।

विकासखंड बसखारी के ग्राम पंचायत बेला परसा में सरकारी धन की बंदरबांट का एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पहले पीली ईंट और निर्माण सामग्री में धांधली के आरोप लगते रहे, अब मिट्टी पटाई और पेंटिंग के नाम पर सरकारी कोष को जमकर चूना लगाया जा रहा है।


जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत में स्थित बारात घर (काली माई स्थान) पर मिट्टी पटाई के नाम पर ₹ 92,096 की धनराशि खर्च दिखायी गई है। जबकि ग्रामीणों का साफ कहना है कि पूर्व प्रधान के कार्यकाल में ही यहां इंटरलॉकिंग का कार्य पूरा हो चुका था, फिर भी मिट्टी पटाई की फर्जी दिखावे से राशि निकाल ली गई।


ग्रामीणों के मुताबिक काली माई स्थान पर यदि देखा जाए तो मात्र चार से छह टाली मिट्टी ही पटाई की गई है। यह मामला यह साबित करता है कि सिर्फ कागजों पर कार्य दिखाकर धन निकासी की गई। यह सरकारी धन का लूटपाट ग्राम सचिव मिथिलेश यादव ने लगभग एक वर्ष  तक किया आखिर जिम्मेदार अधिकारियों को क्यों नही लगी भनक जबकि वहीं ग्रामीणों का कहना है यह लूटपाट ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव मिलकर किए हुए हैं ग्रामीणों ने बयान में बताया यहां पर्व प्रधान के द्वारा पहले से ही इंटरलॉकिंग लगा हुआ है यहां कैसे मिट्टी पटाई हो गया ग्रामीणों के पैरों तले जमीन खिसक गया 

लगभग 1 वर्ष के बाद ग्राम सचिव पूजा चौरसिया  ने कार्यभार संभालते ही सरकारी धन बंदर बांट करने में लग गई


इतना ही नहीं, पंचायत में बने सामुदायिक शौचालय की रंगाई-पुताई के नाम पर ₹ 98,126 की राशि खर्च कर दी गई। सवाल उठता है कि आखिर इस रंगाई में कौन सा महंगा पेंट इस्तेमाल हुआ, कितने डिब्बे लगे और कितने मजदूर लगाए गए, जिसकी लागत एक लाख के करीब पहुंच गई?


ग्रामीणों में इस खुले भ्रष्टाचार को लेकर भारी आक्रोश है। लोग सवाल कर रहे हैं कि *विकासखंड के जिम्मेदार अधिकारी आखिर* ऐसे फर्जी भुगतान को कैसे मंजूरी दे रहे हैं? क्या अधिकारी जानबूझकर आंख मूंदे बैठे हैं, या फिर कहीं मिलीभगत का मामला है?


ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों से पूरे मामले की जांच कर जिम्मेदारों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग की है।

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