भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा विभाग व बैंक ऑफ बड़ौदा दौलतपुर हाजलपट्टी , कटोखर यूनियन बैंक,
आखिर कौन है वह दलाल जो ग्राम प्रधान के अनापत्ति प्रमाण पत्र करता है फर्जी हस्ताक्षर और मोहर
अंबेडकरनगर
उत्तर प्रदेश की आदित्य योगी नाथ की सरकार हो या केंद्र की नरेंन्द्र मोदी की सरकार हो दोनों सरकार दावा करती हैं कि हम देश,प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएंगे और दोनों ही सरकारें जीरो टॉलरेंस नीत पर काम करती हैं, देखा जाए तो केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार है उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है जिससे विकास की आंधी चलेगी,परंतु जमीनी स्तर पर देखा जाए तो उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिला में भ्रष्टाचार युक्त समाज को बढ़ावा मिलता नजर आ रहा है,और भ्रष्टाचार करवाने में जिले के उच्च स्तर पर बैठे अधिकारी और कर्मचारी ही शामिल हैं। सरकार के द्वारा बेरोजगारों को रोजगार देने के खादी ग्रामउद्योग के उद्योग लगाकर बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए लोन दिए जा रहे हैं लेकिन लोन के नाम पर फर्जीवाड़ा जिले में बड़े पैमाने पर किया गया खादी ग्रामउद्योग का नियमावली में या स्पष्ट लिखा गया है कि उद्योग लगाकर बेरोजगारों को रोजगार दिया जाए इसके लिए जिले पर रोजगार मेला का स्टॉल लगाकर रोजगार कागजों में सिमटा दिया जा रहा है। इस मामले में जब खादी ग्राम उद्योग के अधिकारी अभिमन्यु से पूछा गया मोबाइल पर संपर्क करके की खादी ग्राम उद्योग का नियमावली में या स्पष्ट लिखा गया है जो उद्योग लगाएगा उसे उद्योग से बेरोजगारों को उसमें रोजगार दिया जाए लेकिन और प्रोडक्ट तैयार किया जाए इसीलिए खड़ी ग्राम उद्योग बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए लोन दे रही है तो स्पष्ट कोई जवाब नहीं मिला , जिले की मीडिया टीम पड़ताल शुरू किया तो पता चला कि यूनियन बैंक आफ इंडिया कटोखर ब्रांच ने जिन लोगों को लोन दिया परंतु वह व्यक्ति अपना यूनिट स्थापित ही नहीं किए हैं क्षेत्र में एक जगह देखा गया यूनियन बैंक आफ इंडिया कटोखर ने 10 लाख का लोन दिया है जिस पर खादी बोर्ड ने 3:30 लाख सब्सिडी का मुहर लगाया है और यह लोन दोना पत्तल उद्योग के लिए दिया गया है परंतु लाभार्थी मौके का फायदा उठाकर दूसरे के दोना पत्तल मशीन का फोटो खिंचवाकर लोन पास करा लिया और इस कृत्य में अहम भूमिका यूनियन बैंक आफ इंडिया कटोखर/पालतू दलालों ने निभाया और इसी बैंक के अंतर्गत जब दूसरे ग्राम सभा में गया तो पता चला लाभार्थी द्वारा ग्राम पंचायत के तालाब का फोटो खिंचवाकर लोन पास करा लिया जबकि मछली पालन किया ही नहीं और फोटो खींचने वाला और कोई नहीं यूनियन बैंक आफ इंडिया के कर्मचारी ही था और इसी तरह क्षेत्र के एक मुर्गी पालन पर भी लोन हुआ परंतु मुर्गी पालन हुआ ही नहीं दूसरे मुर्गी फार्म का फोटो खींचकर यूनियन बैंक आफ इंडिया कटोखर ने लोन पास कर दिया और लोन लेने वाला पैसा लेकर विदेश मेंनौकरी कर रहा है। मजे की बात यह कि ऐसे कार्यों के लिए बाकायदा बैंक मैनेजरों ने अपना पालतू दलाल सेट किए हैं जिसमें तकरीबन पचास से साठ हजार की दलाली फिक्स होने पर ही लोन पास किया जाता है।
मीडिया की पड़ताल में बैंक ऑफ़ बड़ौदा दौलत पुर हाजल पट्टी चौंकाने वाला खुलासा हुआ
मीडिया के पड़ताल में चौंकाने वाला खुलासा हुआ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड और बैंक ऑफ़ बड़ौदा दौलत पुर हाजल पट्टी के मैनेजर व दलाल मिलकर लोन की फाइलों में ग्राम प्रधान के फर्जी हस्ताक्षर वी मोहर का खुलकर सामने आया ग्राम प्रधान दौलतपुर हजल पट्टी की मोबाइल पर संपर्क किया गया और पूछा गया कि फल के लोन फाइल पर अनापत्ति प्रमाण पत्र पर आपका साइन है उस पर लिखा गया है संदीप यादव ग्राम प्रधान ने बताया कि मैं संदीप कुमार लिखता हूं यादव नहीं लिखता हूं। सवाल अब यह है की बैंक मैनेजर से लेकर बैंक की कर्मचारी अनापत्ति प्रमाण पत्र को वेरीफाई क्यों नहीं करते आखिर ग्राम प्रधान का फर्जी हस्ताक्षर कर कैसे लोन पास कर लिया जाता है। अगर लोन की फाइलों में लगा अनापत्ति प्रमाण पत्र पर ग्राम प्रधान के हस्ताक्षर का सर्टिफाइ कराया जाए तो कई फाइलों पर फर्जी हस्ताक्षर मिलेंगे अंबेडकर नगर एलडीएम ऐसे मामलों पर जांच कर क्या कार्रवाई करेंगे या फिर जनपद में ऐसा ही फर्जी वाड़ा होता रहे। कहीं ऐसा तो नहीं बैंक का दलाल या फिर ग्राम उद्योग विभाग का दलाल है जो ग्राम प्रधान का फर्जी हस्ताक्षर और मोहर करता है। खादी ग्रामोद्योग बोर्ड ने बेरोजगारों को लोन देता है उद्योग लगाने के लिए जिससे और चार लोगों को रोजगार मिल सके लेकिन यहां से सब गोलमाल है
योजना का लाभ लेने वाले लोन लाभार्थी के मोबाइल पर जब संपर्क किया गया तो खादी ग्राम उद्योग विभाग और बैंक के काले कारनामों का खुलासा
मीडिया ने लोन लाभार्थी के मोबाइल पर संपर्क किया गया लोन की सुविधा कैसे मिलता, क्या रुपया देना पड़ता है तो लोन लाभार्थी ने खुले शब्दों में बोला सरकारी सुविधा लेने के लिए हर जगह कमिशन देना पड़ता है। मजेदार बात यह है कि डेरी उद्योग पर लोन लेकर लगाया जा रहा हवाई चप्पल का उद्योग जबकि प्रधान ने अनापत्ति प्रमाण जारी किया डेरी उद्योग का कितने बड़े-बड़े झोल हो रहे हैं लेकिन जिम्मेदार मूग दर्शक बने हैं
खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के कर्मचारी जवाब देने से भाग रहे पीछे पिछले तीन साल में ग्रामोद्योग बोर्ड से मिलकर सबसे ज्यादा लोन देने वाला रहा बैंक ऑफ़ बड़ोदा दौलतपुर हजल पट्टी ।
मीडिया का महा कवरेज जारी रहेगा