मनरेगा में "चमत्कारी धूप" से फर्जीवाड़े का पर्दाफाश – बारिश में तेज धूप की तस्वीर ने खोली पोल
अंबेडकरनगर। एक ओर जिलेभर में झमाझम बारिश से जनजीवन प्रभावित था, वहीं दूसरी ओर विकासखंड भीटी के ग्राम सभा चाचिकपुर में कुछ और ही नज़ारा सामने आया। मनरेगा पोर्टल और सोशल मीडिया पर आज की तारीख में अपलोड की गई तस्वीरों में मजदूरों को प्रचंड धूप में काम करते दिखाया गया — जबकि पूरे जिले में सुबह से लगातार बारिश हो रही थी।
सवाल खड़े करने वाली तस्वीर
स्थानीय ग्रामीणों और जानकारों का कहना है कि यह दृश्य मनरेगा में चल रहे लंबे समय से फर्जीवाड़े का सबूत है। पहले जहां कार्यस्थल पर 150 मजदूरों की उपस्थिति दर्ज होती थी, आज मात्र 30 मजदूर नजर आए। शेष उपस्थिति संभवतः कागजों में भरकर फर्जी भुगतान किया जा रहा है।
लाखों की बंदरबांट का अंदेशा
ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान, सचिव और संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी धन की लूट खुलेआम हो रही है। प्रधानी का कार्यकाल समाप्ति की ओर है और आशंका जताई जा रही है कि विकास के नाम पर आखिरी समय में भारी-भरकम भुगतान कर मालामाल होने की तैयारी चल रही है।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
बीते महीनों से इस तरह के फर्जीवाड़े के मामले अखबारों में उजागर होते रहे हैं, लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से किसी ठोस कार्रवाई की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। यह स्थिति सीधे तौर पर जिले के प्रशासनिक तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है।
अब जनता की निगाहें प्रशासन पर
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या जिला प्रशासन इस "चमत्कारी धूप" के खेल की गहन जांच कर जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई करता है, या यह मामला भी कागज़ों में दबकर रह जाएगा। फिलहाल यह घटना प्रदेश सरकार के "भ्रष्टाचार मुक्त उत्तर प्रदेश" के दावे को खुली चुनौती देती है।