अम्बेडकरनगर, सहयोग मंत्रा। जिले के बसखारी ब्लॉक में एडीओ पंचायत कार्यालय से जुड़ा पेरोल घोटाला चर्चा में बना हुआ है। पेरोल के नाम पर हुई कथित वसूली का वीडियो, ऑडियो, लिखित साक्ष्य और पेमेंट स्लिप वायरल होने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। सूत्रों के मुताबिक बीडीओ द्वारा 11 फरवरी 2025 से जांच की बात कही जा रही है, लेकिन जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति चल रही है। सोशल मीडिया से लेकर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में लगातार खबरें छपने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदे बैठे हैं।
डीएम, सीडीओ, डीपीआरओ तक नहीं उठा रहे फोन
बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले की जानकारी लेने के लिए जिले के डीएम, सीडीओ और डीपीआरओ को फोन किया गया, लेकिन किसी ने फोन तक रिसीव नहीं किया। लोगों का कहना है कि जिस तरीके से बीडीओ फोन पर जवाब दे रहे हैं, उससे साफ जाहिर है कि भ्रष्टाचार चरम पर है और कार्रवाई का इरादा शून्य के बराबर।
क्या ‘दुधारू गाय’ बना दिया गया सिस्टम ?
मामले में कार्रवाई न होना अब चर्चा का विषय बन गया है। लोगों के बीच यह सवाल उठ रहा है कि कहीं यह पूरा मामला किसी प्रभावशाली व्यक्ति या अधिकारियों के संरक्षण में तो नहीं? अगर नहीं, तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
फर्जी स्लिप से बचाव की कोशिश
वीडियो में साफ दिख रहा है कि किस तरह पेरोल के नाम पर रुपये लिए जा रहे हैं और बचाव के लिए फर्जी स्लिप का इस्तेमाल किया गया। इसके बावजूद जांच के नाम पर सिर्फ कागजी खेल हो रहा है।
कब खत्म होगा ‘जांच-जांच’ का खेल ?
जनता में सवाल है कि क्या जीवनभर ‘जांच-जांच’ के नाम पर भ्रष्टाचार का खेल चलता रहेगा या जिम्मेदार अफसर वास्तव में दोषियों पर कार्रवाई करेंगे? लोगों की मांग है कि मुख्यमंत्री के जीरो टॉलरेंस वाले फरमान को मजाक न बनाया जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।बसखारी ब्लॉक के इस पूरे मामले ने पंचायत व्यवस्था की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। अब देखना होगा कि शासन-प्रशासन कब तक आंखें मूंदे रखता है।
- ब्यूरो रिपोर्ट