तंबाकू खाने के बाद ड्यूटी पर ही सो गए नीद में...
अप्रशिक्षित युवक मरीजों को वितरित करते रहे दवा की खुराक...
तंबाकू निषेध परिसर में स्वयं मजाक बन रहा स्वास्थ महकमा ....
अयोध्या, सहयोग मंत्रा । एक तरफ सरकार ने सभी सरकारी विभागों को तंबाकू निषेध करने का निर्देश दे रखा है परंतु स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी ही सरकार के इस निर्देश को हवा में उड़ा रहे हैं।
ताजा मामला जिला चिकित्सालय का सामने आया है जहां दवा वितरण कक्ष संख्या 4 में तैनात चीफ फार्मासिस्ट अनिल पांडेय जो किसी को भी कुछ नही मानते वह अपने आगे सभी को बेवकूफ समझते हैं। बुधवार को उनका एक वीडियो सामने आया जिसमे वह अपनी ड्यूटी के दौरान कक्ष में लगे कूलर के सामने अमर्यादित स्थित में कुर्सी पर पैर पसार कर बड़े ही आराम से हाथों में तंबाकू रगड़ रहे हैं। उसके बाद वहीं कुर्सी पर ही तंबाकू खाकर गहरी नीद में चले गए।
इसी दौरान उनका एक वीडियो एक तीमारदार ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया। जो कुछ ही देर बाद वायरल हो गया
जहाँ एक तरफ सरकार के निर्देश पर तंबाकू नियंत्रण हेतु जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने सभागार में बुलाकर जिले के सभी स्वास्थ कर्मियों को नशा मुक्त अभियान के लिए प्रेरित कर रहें हैं । जिससे की तंबाकू सेवन से होने वाली टीबी जैसी गंभीर बीमारी को रोका जा सके।
वहीं ऐसे स्वास्थ्य कर्मी जब अपने ही कक्ष में इस तरह का कृत्य करेंगे तो यह लोग जनता को इससे कैसे रोकेंगे। यह सीएमओ के लिए बड़ा सवाल है।
जबकि इसपर काबू पाने के लिए सरकार ने सार्वजानिक स्थानों पर तंबाकू का सेवन करने पर पकड़े जाने पर उक्त के ऊपर जुर्माने का कानून भी बनाया गया है। इसका जीता जागता उदाहरण जिला चिकित्सालय अयोध्या के गेट से लेकर अलग अलग वार्डों मे लगे नोटिस बोर्डो में बखूबी देखा जा सकता है।
इसके बाद भी जिला प्रशासन या जिला चिकित्सालय प्रशासन के पास शायद इसका कोई भी रिकार्ड नही होगा कि कानून बनने से अबतक कितने लोगो पर कितना जुर्माना किया गया।
अगर ऐसा कोई रिकार्ड जिला प्रशासन सामने लाए तब शायद ही इस अभियान को सफल बनाया जा सकता है। नही तो यह खबर भी केवल कागजों पर ही रह जायेगी।
अब ऐसे में देखना होगा कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) या चिकित्सा अधीक्षक द्वारा ऐसे कर्मचारियों के ऊपर कोई कार्रवाई करने की हिम्मत दिखा पाते हैं या cms के अन्य आदेशों व निरिक्षणों की तरह हवा हवाई ही साबित होगा। वैसे भी cms के किसी भी आदेश निर्देश को अस्पताल के कर्मचारी अपने ठेंगे पर रखते हैं।
आपको बताते चले अभी चार छः दिन पहले ही आर्थो opd में फर्जी डॉक्टर को प्रमुख सचिव द्वारा तीसरी आंख से देखने पर अस्पताल प्रशासन से पूछने पर आनन फानन में प्रमुख अधीक्षक द्वारा निरिक्षण कर उक्त कथित फर्जी डॉक्टर को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया। जिसकी खबर मीडिया में चलवा कर खूब वाहवाही लूटी गयी।
क्या अस्पताल की या प्रमुख सचिव की तीसरी आँख किसी खास समय पर ही काम करती है या जब अस्पताल प्रशासन चाहता है। यह सवाल लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।