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Ayodhya News:आयुष्मान मित्र पर चिकित्सा अधीक्षक का लगाया आरोप साबित हुआ झूठा

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अस्पताल का सामान ले जाने का लगाया था आरोप, जबकि अपनी पत्नी का इलाज करा रहा था आयुष्मान मित्र 

शुक्रवार को आयुष्मान संबंधित सभी उपकरण को लिखा पढ़ी के साथ सहायक नोडल आयुष्मान को कराया उपलब्ध

अयोध्या,सहयोग मंत्रा। जिला चिकित्सालय में बने आयुष्मान विभाग में तैनात आयुष्मान मित्र रत्नेश श्रीवास्तव को NHM की तरफ से सीएमओ ने जिला अस्पताल में आयुष्मान मित्र का काम देखने की जिम्मेदारी सौंपी थी जिनका कार्यकाल बीते मार्च 2023/24 में पूरा हो चुका था किंतु उसके बाद उन्हें सीएमओ की तरफ से न तो पद पर बने रहने अथवा न ही वहां से हटाने का कोई आदेश दिया गया वहीं जिला अस्पताल प्रशासन ने उन्हें किसी पूर्व आदेश के ही कार्य से हटाने का निर्णय लेते हुए उनसे अभी उपकरण अथवा आयुष्मान मिशन की आईडी भी ले लिया।

  बताते चलें कि आयुष्मान मित्र रत्नेश पिछले कुछ दिनों से अपनी पत्नी की बीमारी को लेकर लखनऊ में इलाज करवा रहा था वहीं जिला अस्पताल के चिकित्सा अधिक्षक डॉ. विपिन वर्मा ने मीडिया में रत्नेश के विरुद्ध उपकरण को चोरी का आरोप लगाते हुए बयान जारी कर उसे मानसिक रूप से परेशान कर दिया। जिसपर वह शुक्रवार को लखनऊ से जिला अस्पताल आया जिस समय आयुष्मान विभाग खुला ही नही मिला बल्कि वहां एक अन्य व्यक्ति कार्य करता देखा गया। जिसके बाद उसने आयुष्मान विभाग के नोडल अधिकारी व सहायक को बुलाकर उन्हें विभाग से जुड़े सभी उपकरण अथवा  सामानों की एक लिस्ट बना कर रिसीव करवा और उसकी एक प्रति स्वयं अथवा एक प्रति मीडिया को सौंपते हुए रत्नेश ने बताया कि मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। मैं कुछ दिनों से बाहर था जिसके कारण सामान वापस करने में विलम्ब हुआ। जिसकी जानकारी मैने सहायक नोडल आयुष्मान विजय वर्मा को देता रहा। जिसका पूरा प्रमाण मेरे मोबाइल में है। जिसके बाद भी अधीक्षक डॉ विपिन वर्मा साहब ने मेरे खिलाफ जो  मीडिया में बयान जारी किया वह मेरे भविष्य को खराब कर रहा है। जिससे मैं मानसिक रूप से काफी डिस्टर्ब हो गया हूं। मीडिया द्वारा डॉ विपिन वर्मा साहब के दिए गए बयान पर चलाई गई खबरों से मैं व मेरा परिवार काफी परेशान हो गए हैं। समाज में पारिवारिक प्रतिष्ठा को काफी ठेस पहुंची है। पड़ोसियों, रिश्तेदारों ,मित्रो को  जवाब देना मुश्किल हो गया है। मेरे खिलाफ एफआईआर करने तक की बात विजय वर्मा के द्वारा की गईं । जब इस विषय में विजय वर्मा से बात की तो उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर काफी दबाव पड़ रहा था जिस कारण से मुझे ऐसा कहना पड़ा।

  आगे आयुष्मान मित्र रत्नेश श्रीवास्तव ने कहा कि जिस प्रकार अस्पताल प्रशासन द्वारा मेरे खिलाफ साजिश रची गई, कहा गया कि आयुष्मान का सारा सामान टैब, लैपटाप कंप्यूटर आदि लेकर भाग गया जबकि इस  विषय में सारी जानकारी मैं सहायक आयुष्मान विजय वर्मा को बराबर व्हाट्सएप से,फोन से देता रहा। विजय वर्मा को मैंने बताया कि सारा सामान आयुष्मान कक्ष में रखी आलमारी में ही है।

  आज शुक्रवार को मैंने अस्पताल प्रशासन,  नोडल आयुष्मान को उन्हीं के सामने अलमारी से निकलकर सारा सामान लिखा पढ़ी के साथ रिसीव कराया है।  परंतु  अस्पताल प्रशासन ने मेरे खिलाफ जो भी आरोप लगाकर मीडिया द्वारा दुप्रचार किया है उसका जवाब तो देना ही पड़ेगा । 

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