दुनिया के दूसरे नम्बर की भाषा हिन्दी,अंग्रेजी का नंबर है तीन...
सुलतानपुर, सहयोग मंत्रा। आज विश्व हिंदी दिवस है। इस अवसर पर जिले के राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि से हमने बातचीत की।
उन्होंने कहा कि सम्पर्क भाषा, प्रचार भाषा और राजभाषा के साथ हिंदी ने स्वयं को वैश्विक भाषा के रूप में स्थापित किया है। हिंदी में विश्व की समस्त भाषाओं को आत्मसात करने की क्षमता है। धीरे-धीरे वैश्विक भाषा के रूप में स्थापित हो रही हिन्दी दुनिया के दूसरे नम्बर की भाषा है, अंग्रेजी नंबर तीन पर है।
ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने बताया कि हिंदी अब केवल साहित्य की भाषा नहीं है यह बाजार, रोजगार और इंटरनेट आदि की भाषा बन चुकी है। देश की पहचान और अस्मिता हिंदी से ही है। हिंदी देश की सर्वाधिक लोकप्रिय भाषा है।
उन्होंने बताया कि मैं हिंदी के प्रसार में लगा हूं, हमने अपने महाविद्यालय में एक नया प्रयोग किया। हमारे सम्पादन में कॉलेज से हर महीने लगभग बारह पेज की रंगीन हिन्दी ई-पत्रिका प्रतिबिम्ब प्रकाशित हो रही है। राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय का पहला ऐसा महाविद्यालय है जहां से हर महीने ई-पत्रिका निकलती है।
उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा शुरु किया गया हिंदी भाषा और साहित्य के प्रचार का यह काम पूरे विश्वविद्यालय क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। यही नहीं हमने हिंदी विषय से नेट और जेआरएफ की तैयारी में लगे विद्यार्थियों को निःशुल्क परामर्श देने के लिए व्हाट्स एप ग्रुप भी बनाया है। हमारे मार्गदर्शन में कई विद्यार्थी यह परीक्षा उत्तीर्ण भी कर चुके हैं। अपने महाविद्यालय के विद्यार्थियों के साथ ही जनपद के अन्य नागरिकों को भी हिंदी पुस्तकों से लगातार जोड़ने की हम मुहिम छेड़े हुए हैं। पिछले कई वर्षों से जनपद के विभिन्न मंचों पर साहित्य की नई पुस्तकों के विमोचन, समीक्षा, पुस्तक चर्चा आदि कार्यक्रमों को आयोजित कर हिंदी के प्रचार में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई गई है।
- श्रवण शर्मा