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अम्बेडकरनगर संविदा कर्मी के आगे नतमस्तक नियम-कानून

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संविदा कर्मी के आगे नतमस्तक नियम-कानून

कर्मचारी संगठनों की नाराज़गी बेअसर,जांच-कार्रवाई की मांग पर विभागीय जिम्मेदार मौन

अंबेडकरनगर। जिले के सरकारी महकमे में एक बार फिर कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। विद्युत विभाग में कार्यरत एक संविदा कर्मी वर्षों से एक ही पटल पर जमे रहने के बावजूद बेखौफ काम कर रहा है, जबकि कर्मचारी संगठन लंबे समय से इसके खिलाफ उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं।स्थानीय लोगों और संगठनों का आरोप है कि सत्य प्रकाश विश्वकर्मा उर्फ पूरन विश्वकर्मा की विभाग में गहरी पैठ है, जिसकी वजह से कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही। यही नहीं, संविदा कर्मी ने खुद मीडिया से बातचीत में दावा किया कि उनके कई सत्ताधारियों और बड़े अधिकारियों से सीधे संबंध हैं और जरूरत पड़ने पर वह “फोन करवा सकते हैं।”

ग्रामीणों का कहना है कि यदि उनकी ईपीएफ पासबुक की जांच हो, तो और भी गड़बड़ियां सामने आ सकती हैं। यही कारण है कि लोग कहावत दोहराने पर मजबूर हैं—“समरथ को नहीं दोष गोसाईं।”

फर्म बदली, कुर्सी नहीं

विभागीय सूत्रों के अनुसार—

2015 से 2019: कुनाल ट्रेडर्स (प्रो. मान बहादुर सिंह)

2019 से जनवरी 2025: ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड, नोएडा

फरवरी 2025 से वर्तमान: प्राइम वन वर्कफोर्स प्राइवेट लिमिटेड, भोपाल

फर्में भले बदलीं, लेकिन तैनाती वही—वर्ष 2015 से लगातार विद्युत वितरण खंड आलापुर के तेंदुवाईकला गृह सब-स्टेशन पर।

कार्रवाई का सवाल

कर्मचारी संगठन पूछ रहे हैं कि आखिर नियम-कानून सबके लिए बराबर क्यों नहीं हैं? क्या जांच की मांग सिर्फ फाइलों में दबकर रह जाएगी?

इस मामले में एक्शीयन आलापुर ने कहा— “मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।” अब देखना यह है कि विभागीय कार्रवाई होती है या यह प्रकरण भी महज कागजी खानापूरी बनकर रह जाएगा।

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